जनवरी 2026 से LHB कोच में दौड़ेगी सिलचर-अगरतला ट्रेन, बराक घाटी को बड़ी रेल सौगात

जनवरी 2026 से LHB कोच में दौड़ेगी सिलचर-अगरतला ट्रेन, बराक घाटी को बड़ी रेल सौगात

बराक घाटी में रेलवे आधुनिकीकरण की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। सिलचर-अगरतला-सिलचर एक्सप्रेस और अगरतला-धर्मनगर-अगरतला पैसेंजर ट्रेन को 1 जनवरी 2026 से आधुनिक एलएचबी (लिंके होफमैन बुश) कोच में बदला जाएगा।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) द्वारा 22 दिसंबर को जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, इन दोनों ट्रेनों के पारंपरिक कोचों को एलएचबी रेक से बदलने की तिथि पहले कर दी गई है। ट्रेन संख्या 15664/15663 (सिलचर-अगरतला-सिलचर एक्सप्रेस) 1 जनवरी 2026 से एलएचबी कोच के साथ संचालित होगी, जबकि अगरतला से चलने वाली सेवाएं 2 जनवरी 2026 से इस व्यवस्था में शामिल होंगी।

इस फैसले को क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है। सिलचर लोकसभा सांसद परिमल सुक्लबैद्य ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह बराक घाटी के लोगों से किया गया एक पुराना वादा पूरा होने जैसा है। उन्होंने बताया कि संसद में लगातार इस क्षेत्र की ट्रेनों की स्थिति और यात्रियों की सुरक्षा व सम्मानजनक यात्रा की जरूरत को उठाने का परिणाम यह फैसला है।

सुक्लबैद्य ने एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय पूर्वोत्तर के यात्रियों की समस्याओं के प्रति केंद्र सरकार की संवेदनशीलता और समावेशी विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर का विकास सरकार के लिए एक संकल्प है और इस क्षेत्र को देश के भविष्य की प्रगति का प्रवेश द्वार माना जा रहा है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, एलएचबी कोच से यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में बड़ा सुधार होगा। इन कोचों में दुर्घटना के दौरान टकराव को कम करने वाली एंटी-क्लाइम्बिंग तकनीक, बेहतर सस्पेंशन सिस्टम, आधुनिक इंटीरियर और स्वच्छता की बेहतर व्यवस्था होती है। साथ ही, नए रेक में आधुनिक पावर कार शामिल होंगी, जिससे ऑनबोर्ड सुविधाएं अधिक भरोसेमंद बनेंगी।

यह बदलाव बराक घाटी के लिए रेलवे सेवाओं में गुणात्मक सुधार का संकेत है, जहां लंबे समय से अन्य क्षेत्रों के बराबर सुविधाओं की मांग की जा रही थी। एलएचबी कोच की शुरुआत के साथ सिलचर-अगरतला रेल मार्ग आधुनिकीकरण के एक नए चरण में प्रवेश करेगा, जो ‘विकसित भारत’ के तहत रेलवे उन्नयन की व्यापक योजना से जुड़ा है।

रेलवे प्रशासन ने बताया कि यह पहल पूर्वोत्तर के प्रमुख मार्गों पर पारंपरिक आईसीएफ कोच की जगह एलएचबी रेक लगाने की बड़ी योजना का हिस्सा है। दक्षिण असम और त्रिपुरा के यात्रियों के लिए यह लंबे इंतजार के बाद मिला एक ठोस बदलाव माना जा रहा है, जो यह दिखाता है कि क्षेत्र के लिए किए गए वादे अब ज़मीन पर उतर रहे हैं।

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