शुक्रवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हिंदू समुदाय के लोग नेशनल प्रेस क्लब के बाहर एकत्र हुए। यह प्रदर्शन बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस सहित विभिन्न संगठनों के आह्वान पर किया गया, जिसमें 18 दिसंबर को 25 वर्षीय परिधान मजदूर दीपु चंद्र दास की हत्या के दोषियों के खिलाफ त्वरित सुनवाई और कड़ी सजा की मांग की गई।
भालुका के रहने वाले दीपु चंद्र दास की मौत उस समय हो गई, जब 140-150 लोगों की एक भीड़ ने कथित रूप से ‘ईशनिंदा’ के आरोप में उन्हें घेर लिया। बिना किसी सबूत के सोशल मीडिया पोस्ट के आरोप लगाते हुए भीड़ ने उनकी बेरहमी से पिटाई की, उन्हें पेड़ से बांध दिया और जला दिया।
बांग्लादेश पुलिस ने इस मामले में अब तक 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से चार ने अपराध कबूल कर लिया है। अंतरिम सरकार ने इस जघन्य घटना की निंदा करते हुए पीड़ित परिवार को सहायता देने का आश्वासन दिया है। यह प्रदर्शन अगस्त के बाद से हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर बढ़ते हमलों के बीच उनकी सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता को भी उजागर करता है।
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