पंजाब अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अन्य प्रमुख एजेंसियों और हितधारकों के साथ मिलकर बहु-एजेंसी वार्षिक एंटी-हाइजैकिंग मॉक अभ्यास (AHME) का सफल संचालन किया। इस अभ्यास में एक काल्पनिक स्थिति बनाई गई, जिसमें एक हाइजैक किए गए विमान को आपात परिस्थितियों में इमरजेंसी लैंडिंग के लिए मजबूर किया गया।
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा तैयारियों, एजेंसियों के बीच समन्वय, संकट-प्रतिक्रिया क्षमता और हाइजैकिंग जैसी आपात स्थितियों में त्वरित निर्णय-प्रक्रिया का आकलन करना था। अभ्यास के दौरान CISF, एयरपोर्ट अथॉरिटी, एयरलाइन क्रू, स्थानीय पुलिस, खुफिया इकाइयों और मेडिकल/फायर टीमों के बीच समन्वित और तेज़ प्रतिक्रिया का परीक्षण किया गया, ताकि वास्तविक संकट के समय बिना किसी देरी के एकजुट कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
CISF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “यह अभ्यास विमानन सुरक्षा के प्रति हमारी सतर्कता, तत्परता और समर्पण को और मजबूत करता है। हाइजैकिंग जैसी गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए टीमवर्क और मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन सबसे अहम कड़ी है, और इस ड्रिल ने हमारी तैयारियों को प्रभावी साबित किया है।”
अभ्यास के सफल समापन के साथ CISF ने विमानन सुरक्षा, यात्रियों की सुरक्षा और सतत निगरानी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इस ड्रिल ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत की विमानन सुरक्षा प्रणाली किसी भी आपात चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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