INSV कौंदिन्य, 19.6 मीटर की पारंपरिक नौका, नारियल की जटाओं (कॉकनट कॉयर) से बंधे लकड़ी के तख्तों से बिना धातु के बनी है। यह 29 दिसंबर को पोरबंदर, गुजरात से 1,400 किमी की पवन-चालित यात्रा पर मस्कट, ओमान के लिए रवाना हुई, जिसका उद्देश्य प्राचीन हिंद महासागर व्यापार मार्गों को पुनः जीवंत करना है।
कमांडर विकास श्योराण इसके स्किपर हैं, जबकि अर्थशास्त्री संजीव सान्याल भी नौका पर मौजूद हैं। इसमें गांडभेरुंडा ईगल सेल और हड़प्पा शैली के लंगर जैसे सांस्कृतिक प्रतीक शामिल हैं। पीएम मोदी ने इसे भारत की समुद्री विरासत का उत्सव बताया और इसे ओमान के साथ ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने वाला कदम कहा।
19.6 मीटर लंबी, बिना धातु की पारंपरिक तकनीक से निर्मित भारतीय नौसेना की नौका 29 दिसंबर को 1,400 किमी की पवन-चालित यात्रा पर मस्कट, ओमान के लिए रवाना। कमांडर विकास श्योराण के नेतृत्व में इस अभियान में अर्थशास्त्री संजीव सान्याल भी शामिल। सांस्कृतिक प्रतीकों से सजी यह यात्रा प्राचीन समुद्री व्यापार मार्गों और भारत-ओमान के ऐतिहासिक रिश्तों को फिर से जीवंत कर रही है।
पीएम मोदी ने इसे भारत की समृद्ध समुद्री धरोहर का उत्सव बताया।
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