असम के साहित्यिक जगत के लिए यह एक गौरवपूर्ण क्षण है। ऐतिहासिक श्री श्री मधुपुर सत्र, कूचबिहार के डेका सत्राधिकार माधव देव महंत को ‘युवा लेखक सम्मान - 2025’ के लिए चुना गया है। इस उपलब्धि पर मधुपुर सत्र के श्रद्धालुओं और साहित्यप्रेमियों में खुशी की लहर है, और इसे राज्य की साहित्यिक विरासत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
नगांव जिले के नलबोरागांव के निवासी माधव देव महंत उन 818 युवा लेखकों में शामिल हैं, जिन्हें पूरे असम से इस सम्मान के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार राज्य सरकार की उस पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवा लेखकों और विचारकों को प्रोत्साहित करना है।
सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा प्रदान किए जाएंगे। पुरस्कार वितरण समारोह 24 दिसंबर को असम के सबसे बड़े साहित्यिक आयोजन के उद्घाटन दिवस पर आयोजित होगा। यह कार्यक्रम असम बुक फेयर परिसर, वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड्स, खानापारा, गुवाहाटी में संपन्न होगा।
माधव देव महंत का चयन परंपरागत आध्यात्मिक नेतृत्व और आधुनिक साहित्यिक अभिव्यक्ति के बीच एक सेतु के रूप में देखा जा रहा है। श्री श्री मधुपुर सत्र के डेका सत्राधिकार के रूप में उनका यह सम्मान इस बात को रेखांकित करता है कि असम की सत्र परंपरा आज भी बौद्धिक और रचनात्मक रूप से जीवंत है।
800 से अधिक प्रतिभागियों में से चयनित होना इस बात का प्रमाण है कि ‘युवा लेखक सम्मान’ के अंतर्गत एक सख्त और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया अपनाई गई। यह पहल असम में नई पीढ़ी के लेखकों और चिंतकों को मंच देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
गौरतलब है कि असम बुक फेयर 24 दिसंबर से 6 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा, जहां ये युवा लेखक हजारों पाठकों और साहित्यप्रेमियों के सामने अपने विचार और रचनाएं प्रस्तुत कर सकेंगे।
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