न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने कहा है कि सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी को आधिकारिक तौर पर “आतंकी हमला” घोषित किया गया है। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से CBS News ने बताया कि हनुक्का उत्सव के दौरान हुई इस घातक फायरिंग के पीछे एक पाकिस्तानी मूल के पिता और पुत्र का हाथ था।
पुलिस के मुताबिक, 50 वर्षीय व्यक्ति को मौके पर ही पुलिस ने गोली मारकर ढेर कर दिया, जबकि उसके 24 वर्षीय बेटे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह पुलिस निगरानी में है। पुलिस ने पुष्टि की है कि इस हमले में कोई अन्य हमलावर शामिल नहीं था।
यह हमला रविवार शाम “चैनुक्का बाय द सी” नामक एक सार्वजनिक हनुक्का कार्यक्रम के दौरान हुआ। अचानक हुई गोलीबारी से उत्सव का माहौल दहशत में बदल गया और लोग समुद्र तट व आसपास की सड़कों से जान बचाकर भागने लगे। बाद में पुलिस ने बताया कि मौके पर एक हमलावर सहित कुल 16 लोगों की मौत हुई, जबकि दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
न्यू साउथ वेल्स के पुलिस आयुक्त माल लैनन ने सोमवार को कहा कि रातभर चली जांच में अहम प्रगति हुई है, जिससे हमलावरों और इस्तेमाल किए गए हथियारों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियों की पुष्टि हो सकी है। उन्होंने बताया कि अब किसी अन्य संदिग्ध की तलाश नहीं की जा रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लैनन ने कहा कि घटनास्थल के पास दो सक्रिय आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किए गए, जिन्हें विशेषज्ञ अधिकारियों ने सुरक्षित रूप से निष्क्रिय कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि जांच के तहत पश्चिमी सिडनी के बॉनीरिग और कैंप्सी इलाकों में स्थित संपत्तियों पर रातभर दो तलाशी वारंट भी लागू किए गए।
उन्होंने पुष्टि की कि 50 वर्षीय हमलावर के पास वैध हथियार लाइसेंस था और उसके नाम पर छह आग्नेयास्त्र पंजीकृत थे।
लैनन ने कहा, “ऐसा माना जा रहा है कि ये छहों हथियार बॉन्डी बीच पर हुए अपराध में इस्तेमाल किए गए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि पुलिस इस बात की विस्तृत जांच करेगी कि इन हथियारों तक कैसे पहुंच बनाई गई और उनका इस्तेमाल कैसे हुआ।
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने पिता का नाम जारी नहीं किया है, लेकिन बेटे की पहचान 24 वर्षीय नावीद अकरम के रूप में की गई है। लैनन ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया कि क्या दोनों हमलावर पहले से पुलिस के रडार पर थे या नहीं, और उन रिपोर्टों पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जिनमें घटनास्थल पर ISIS का झंडा मिलने का दावा किया गया था। उन्होंने बताया कि बड़ा हमलावर करीब 10 वर्षों से हथियार लाइसेंस धारक था, लेकिन इससे आगे कोई अटकल नहीं लगाई।
लैनन ने कहा, “हम इस हमले के पीछे के मकसदों की जांच करेंगे, और यह जांच का एक अहम हिस्सा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि घटना के दौरान जवाबी कार्रवाई में घायल हुए न्यू साउथ वेल्स पुलिस के दो अधिकारी अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों अधिकारी मौके पर पहुंचकर हमलावरों से गोलीबारी के दौरान घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में धार्मिक स्थलों पर पुलिस की कड़ी तैनाती जारी रहेगी।
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