प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 28 दिसंबर, 2025 को साल का आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम देशवासियों के साथ साझा किया। इस दौरान उन्होंने 2025 की उपलब्धियों, आने वाले साल की चुनौतियों और विकास की संभावनाओं पर बात की।
मोदी ने देश की सुरक्षा, खेल, विज्ञान और वैश्विक मंचों पर भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया, लेकिन उन्होंने ICMR की हालिया रिपोर्ट पर चिंता भी जताई। रिपोर्ट में बताया गया कि निमोनिया और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जैसी बीमारियों के इलाज में एंटी-बायोटिक दवाएं अब कमजोर साबित हो रही हैं। इसके पीछे लोगों द्वारा बिना डॉक्टर की सलाह एंटी-बायोटिक दवाओं का सेवन करना बड़ी वजह माना गया। पीएम मोदी ने कहा कि ये दवाएं केवल चिकित्सक की सलाह से ही लेनी चाहिए, अन्यथा खतरनाक हो सकती हैं।
इसके अलावा उन्होंने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 का उल्लेख किया, जिसमें 80 से ज्यादा सरकारी विभागों की 270 से अधिक समस्याओं पर छात्रों ने काम किया और रियल लाइफ चैलेंज के लिए समाधान पेश किए।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर के युवा मॉइरांगथेम सेठ की कहानी का भी जिक्र किया, जिन्होंने बिजली की समस्या से जूझते हुए सोलर पावर आधारित लोकल समाधान विकसित किया। इसके अलावा फिजी में भारतीय भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में नए प्रयासों का भी उन्होंने स्वागत किया।
पीएम मोदी ने नए साल 2026 में वोकल फॉर लोकल, शिक्षा, संस्कृति और इनोवेशन पर जोर देने की बात की।
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