करबी आंगलोंग हिं*सा! दर्जनों परिवार बेघर, चश्मदीद ने सुनाई दहशत भरी रात की कहानी

दर्जनों परिवार बेघर, चश्मदीद ने सुनाई दहशत भरी रात की कहानी

करबी आंगलोंग जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों से सामने आई नई जानकारियों के अनुसार, सोमवार रात 22 दिसंबर को हुई व्यापक आगजनी और भीड़ के हमलों में कई परिवार बेघर हो गए और कम से कम एक व्यक्ति की जान चली गई। स्थानीय निवासी सुशील मालाकार ने उस रात के भय और अफरा-तफरी के मंजर को बयां किया, जब लोग अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए।

मालाकार ने बताया कि वे कई वर्षों से अपने चाचा और चाची के साथ उसी इलाके में रह रहे थे और उन्हें किसी भी तरह की अशांति की पहले से कोई सूचना या चेतावनी नहीं मिली थी।

उन्होंने कहा, “हमें लगा था कि हम यहां सुरक्षित हैं।”

उनके अनुसार, शाम करीब 6 बजे, अंधेरा होने के बाद हिंसा भड़क उठी, जब एक भीड़ ने घरों पर पत्थरबाज़ी शुरू कर दी। मालाकार का आरोप है कि भीड़ में शामिल एक व्यक्ति, जो परिवार को जानता था, ने उन्हें चेतावनी दी कि अगर वे नहीं भागे तो उन्हें मार दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “हम अपनी जान बचाने के लिए भागे। हम अपने साथ कुछ भी नहीं ले जा सके।” बाद में उनका सारा सामान जलकर राख हो गया।

मालाकार के मुताबिक, उनके आसपास के इलाके में 6 से 7 घर जला दिए गए, जबकि पूरे क्षेत्र में 50 से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया गया। उन्होंने एक बेहद दिल दहला देने वाली घटना का भी ज़िक्र किया, जिसमें एक बीमार लड़का अफरा-तफरी के बीच एक घर में फंसा रह गया।
मालाकार के अनुसार, “वह बीमार था और भाग नहीं सका। घर में आग लगा दी गई और वह जिंदा जल गया।”

हालांकि इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, फिर भी स्थानीय लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।
मालाकार ने कहा, “अभी पुलिस आसपास है तो थोड़ा सुकून है, लेकिन जब पुलिस चली जाती है तो फिर डर लगने लगता है।”

पीड़ित परिवारों की जड़ों का ज़िक्र करते हुए मालाकार ने कहा कि वे पीढ़ियों से उसी इलाके में रह रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम यहां वर्षों से रह रहे हैं। मेरे माता-पिता यहीं पैदा हुए और यहीं पले-बढ़े।” यह बयान हिंसा के बाद लोगों में व्याप्त गहरे नुकसान और असुरक्षा की भावना को दर्शाता है।

फिलहाल करबी आंगलोंग जिले में सुरक्षा बलों की तैनाती जारी है। प्रशासन घटना की जांच कर रहा है और इलाके में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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