अमेरिका में कार्यरत सैकड़ों H-1B वीज़ा धारक भारतीय पेशेवर इन दिनों भारत में फंसे हुए हैं। ये लोग अपने वर्क परमिट के नवीनीकरण के लिए भारत लौटे थे, लेकिन अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों द्वारा वीज़ा इंटरव्यू अपॉइंटमेंट अचानक रद्द या आगे बढ़ा दिए जाने के कारण वे अमेरिका वापस नहीं लौट पा रहे हैं।
प्रभावित लोगों में आईटी, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर और अन्य उच्च-कौशल क्षेत्रों के पेशेवर शामिल हैं। कई वीज़ा धारकों ने बताया कि उन्होंने पहले से तय अपॉइंटमेंट के आधार पर यात्रा की थी, लेकिन बाद में उन्हें सूचना मिली कि उनके इंटरव्यू अनिश्चित काल के लिए टाल दिए गए हैं, जिनकी नई तारीखें महीनों बाद की दी जा रही हैं।
इमिग्रेशन विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति हाल ही में लागू किए गए अमेरिकी वीज़ा जांच नियमों के कारण उत्पन्न हुई है। 15 दिसंबर से अमेरिका ने H-1B और H-4 वीज़ा श्रेणियों के लिए सोशल मीडिया और सुरक्षा जांच को और सख्त कर दिया है, जिससे वीज़ा प्रोसेसिंग की गति धीमी हो गई और बड़ी संख्या में अपॉइंटमेंट रद्द करने पड़े।
कई प्रभावित वीज़ा धारकों का कहना है कि वे अब नौकरी, वेतन और वर्क-फ्रॉम-इंडिया व्यवस्था को लेकर असमंजस में हैं। कुछ कंपनियों ने कर्मचारियों को लंबी अवधि तक अमेरिका से बाहर रहने को लेकर चेतावनी दी है, जबकि अन्य मामलों में कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश नहीं मिल पाए हैं।
इमिग्रेशन वकीलों ने बताया कि कुछ मामलों में नई अपॉइंटमेंट तारीखें 2026 तक की दी जा रही हैं, जिससे पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन दोनों पर गंभीर असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि जब तक स्थिति स्पष्ट न हो, H-1B वीज़ा धारकों को गैर-जरूरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचना चाहिए।
अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से वीज़ा प्रक्रियाओं में बदलाव किए गए हैं, लेकिन प्रभावित लोगों के लिए कोई स्पष्ट समय-सीमा नहीं बताई गई है। इस बीच, भारत में फंसे कई H-1B वीज़ा धारक जल्द समाधान की उम्मीद में अधिकारियों और अपने नियोक्ताओं से संपर्क बनाए हुए हैं।
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