मंगलवार तड़के दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे पर हुए एक भीषण बहु-वाहन टक्कर हादसे में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 25 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों के अनुसार, इस दुर्घटना में सात बसें और तीन कारें शामिल थीं, जिनमें टक्कर के बाद कई वाहन आग की चपेट में आ गए। कुछ पीड़ितों के झुलसकर मौत होने की भी सूचना है।
यह हादसा सुबह करीब 4:30 बजे मथुरा जिले के बलदेव थाना क्षेत्र में आगरा-नोएडा एक्सप्रेसवे के माइलस्टोन 127 के पास हुआ। प्रारंभिक जांच में घना कोहरा और बेहद कम दृश्यता को इस श्रृंखलाबद्ध टक्कर का प्रमुख कारण बताया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और फिलहाल किसी की हालत गंभीर नहीं बताई जा रही है। हादसे की सूचना मिलते ही बचाव दल और आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंचीं और वाहनों में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने का काम तेजी से किया।
मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने कहा कि यह दुर्घटना भारी कोहरे के कारण लगभग शून्य दृश्यता की वजह से हुई। उन्होंने कहा, “कई वाहन एक के बाद एक टकरा गए। टक्कर के बाद कुछ बसों में आग लग गई। आपात सेवाओं को तुरंत सक्रिय किया गया और बचाव कार्य लगभग पूरा हो चुका है।”
हादसे के बाद एक्सप्रेसवे पर यातायात कई घंटों तक ठप रहा और मार्ग अवरुद्ध होने के कारण वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से डायवर्ट किया गया। बाद में प्रशासन ने मलबा हटवाया और फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सरकारी वाहनों की व्यवस्था की।
मथुरा ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि घटना की शुरुआत तीन कारों की आपस में टक्कर से हुई, जिसके बाद यह हादसा एक श्रृंखलाबद्ध टक्कर में बदल गया। उन्होंने कहा, “इसके बाद एक राज्य परिवहन बस और छह स्लीपर बसों सहित कुल सात बसें कारों से टकरा गईं। सभी बसें आग की चपेट में आ गईं। आग बुझाने के लिए 11 दमकल गाड़ियों को लगाया गया और अब आग पर काबू पा लिया गया है। अब तक चार शव बरामद किए गए हैं।”
यह हादसा ऐसे समय में हुआ है, जब एक दिन पहले ही एनसीआर के विभिन्न एक्सप्रेसवे पर कोहरे के कारण हुई दुर्घटनाओं में कम से कम छह लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। सोमवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अलवर रोड और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर भी इसी तरह की कई टक्कर की घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें घना कोहरा और बेहद कम दृश्यता को सामान्य कारण बताया गया।
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